तेरी चाय का प्याला
हर सुबह तू , मुझसे मिलती है ।
मेरे साथ ही तो ,तेरी शामें ढलती है ।
अगर मेरी मुलाकात , तुझसे न हो ;
तो इस बात की कमी ;
तुझे दिन भर खलती है ।
मेरे बिना सुस्ती, तुझपे छा जाती है ।
सिरदर्द होने पर , दवाई से पहले ;
तू मेरे पास ही तो आती है ।
तेरे जीवन के कई पलों, का हिस्सा हुँ मैं ।
तेरी इस अनजान राह का ;
हमराही हु मैं ।
तेरे बिसकिट्स का, स्विमिंग पूल ;
तेरी चाय का प्याला हूँ मैं ।
तेरी चाय का प्याला हूँ मैं ।।
Arre bhai bhai bhai...